3 साल तक लगातार ₹20 हजार प्रति वर्ष मंडी शुल्क जमा करने वाले व्यापारी ही एसी मंडी में दुकान लेने के लिये होंगें पात्र..

25 अप्रैल को होगी दुकानों की नीलामी..

बोली लगाने वालों की तैयार हो रही सूची..

लेखराम मौर्य                      

लखनऊ। पिछले डेढ़ दशक से इंतजार के बाद आखिर वह घड़ी आ ही गयी जब प्रदेश की एक मात्र एसी मंडी को चालू करने की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। जहां एक ओर व्यापारियों, किसानों एवं क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर दौड़ गई है वहीं अनेकों व्यापारियों के लिए निराशा जनक खबर भी है क्योंकि मंडी अधिनियम के अनुसार इस मंडी में वही व्यापारी दुकान लेने के लिए पात्र होंगे जिन्होंने पिछले 3 साल तक लगातार ₹20 हजार मंडी शुल्क जमा किया होगा। 

ऐसे व्यापारियों की सूची तैयार की जा रही है जो यहां बोली लगाने के लिए पात्र होंगे। यह सूची आगामी 23 अप्रैल तक तैयार हो जाएगी। उसके बाद व्यापारियों को अगर किसी तरह की आपत्ति होगी तो उन्हें मौका दिया जाएगा। इस बात की जानकारी मंडी सचिव संजय सिंह ने दी। श्री सिंह ने बताया कि मलिहाबाद में करीब 450 लाइसेंस धारक व्यापारी हैं जो आम का कारोबार करने के लिए लाइसेंस ले चुके हैं परंतु इनमें से लगभग 130 व्यापारी ही ऐसे हैं जो यहां बोली लगाने के लिए पात्र हो सकते हैं क्योंकि इससे अधिक लाइसेंस धारक कोई भी व्यक्ति काम नहीं करता है। 

मंडी सचिव संजय सिंह के अनुसार मलिहाबाद स्थित उप मंडी की दुकानों की लागत प्रति दुकान करीब 36 लाख रुपए है फिर भी उप मंडी घोषित होने के कारण दुकानों की लागत आधी ही ली जाएगी जो करीब 16 लाख रुपए से शुरू होगी। 

गौरतलब हैं कि यह मंडी दिसंबर 2006 में घोषित की गई थी जिसके बाद इसका लंबे समय तक किसानों और मंडी परिषद के बीच विवाद चलने के कारण इसके निर्माण में काफी देरी हुई। मलिहाबाद कस्बे से हरदोई रोड पर करीब 2 किलो मीटर की दूरी पर स्थित विशिष्ट उप मंडी करीब 70 करोड रुपए की लागत से बनकर तैयार हो चुकी है जिसमें मलिहाबाद की अस्थाई मंडी के शिफ्ट होने के बाद यहां स्टेट बैंक की शाखा और एक पुलिस चौकी खोली जाएगी जिसके लिए भवन पहले से बनकर तैयार है। यहां कई प्रकार की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं जिनमें किसानों के रुकने के लिए गेस्ट हाउस रैपनिंग चेंबर, एसी दुकानें कैफेटेरिया आदि की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी

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